झारखंड की राजनीति में कल का दिन “अपमान दिवस”: अविनाश वर्मा
पलामू
झारखंड की राजनीति में कल का दिन “अपमान दिवस”: अविनाश वर्मा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अविनाश कुमार वर्मा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत इंडी गठबंधन में शामिल सभी नेताओं को धिक्कार देते हुए कहा है की 3 जुलाई 2024 की घटना आदिवासी समाज के साथ संपूर्ण झारखंडवासियों के लिए दुख और अफसोस से भरा हुआ था जहां अपने क्षेत्र के शेर कहे जाने वाले वर्तमान मुख्यमंत्री माननीय चंपई सोरेन को अपमान और वफादारी की सजा भुगतनी पड़ी।
अविनाश वर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि कल की घटना झारखंड के राजनीतिक इतिहास में आदिवासी समाज के साथ हम सबों के लिए एक “अपमान दिवस” के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री माननीय हेमंत सोरेन जेल से बाहर आने के बाद 3 माह भी बगैर पद के नहीं रह सके और एक वरिष्ठ सीधे-साधे आदिवासी समाज से मुख्यमंत्री बने झारखंड के वरिष्ठ राजनेता माननीय चंपई सोरेन को सत्ता से बाहर का दरवाजा दिखाने का काम किया जो घोर निंदनीय और राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचायक है।
उन्होंने कहा कि अगर हेमंत सोरेन में थोड़ी सी भी राजनीतिक सूझबूझ होती तो बेल पर बाहर आने के बाद चुनाव के मद्देनजर पूरे क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों की सहानुभूति के साथ अपनी पार्टी को मजबूत करते हुए जन जन तक पहुंचने का काम करते मगर राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचय देते हुए अभिभावक तुल्य व्यक्ति को जेल से आते हैं हटा देने का काम राजनीतिक मठाधीशों के लिए भी हतप्रभ करने वाली घटना है।
उन्होंने कहा कि गत 6 महीने से मुख्यमंत्री द्वारा सरकार और पार्टी के बीच ताले मेल बनाकर उत्तम तरीके से सरकार का संचालन कर रहे थे, सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर जेल में मिलकर चर्चा कर रहे थे, बावजूद परिवार से बाहर का व्यक्ति हेमंत जी को बर्दाश्त नहीं हुआ, साथ ही साथ कल गठबंधन की बैठक में भी मुख्यमंत्री के नाते अध्यक्षता करने के बावजूद उन्हें किनारे बैठा कर अपमानित किया गया, जबकि कांग्रेस प्रभारी को बीच में बैठाकर गठबंधन की मजबूरी और येन केन प्रकेन मुख्यमंत्री बनने की भूख का प्रदर्शन किया गया।
वर्मा ने ने कहा की मीडिया में आई त्यागपत्र की तस्वीरों से स्पष्ट होता है की व्यक्तिगत स्वार्थ के तहत जहां उपस्थित गठबंधन के नेता प्रसन्न मुद्रा में हैं वही माननीय मुख्यमंत्री रूहांसे मन से अपनी किस्मत को कोस रहे हैं जो राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हम जैसे झारखंडियों के लिए बेहद दुखद है, जिसका जवाब आगामी चुनाव में आदिवासी समाज के साथ संपूर्ण झारखंड की जनता झामुमो और गठबंधन के नेताओं को देने का काम करेगी।