पीरियड के दौरान पेड लीव देना होगा जरूरी, कानून ला रही सरकार? केंद्रीय मंत्री ने क्या बताया

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क्या पीरियड के दौरान महिलाओं को पेड लीव देना जरूरी किया जाने वाला है? क्या केंद्र सरकार इस तरह का कोई कानून ला रही है? महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को इसका जवाब दिया।

उन्होंने यह साफ कर दिया कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। हालांकि, सरकार का फोकस मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने पर है। मासिक धर्म अवकाश के मुद्दे पर लोकसभा में लिखित उत्तर में अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।

मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने की योजना के तहत 10-19 साल की किशोर लड़कियां लाभ उठा सकती हैं। इनके लिए मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) के जरिए सब्सिडी वाले सैनिटरी नैपकिन दिए जाते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत यह योजना चल रही है। साथ ही, मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य-स्तरीय कार्यक्रमों को वित्त पोषित किया जाता है। इसके अलावा, स्वच्छ भारत अभियान के हिस्से के रूप में पेयजल और स्वच्छता विभाग का फोकस ग्रामीण क्षेत्रों पर है। लोगों को शिक्षित करने के उद्देशय से मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (MHM) के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी किए हैं।

वीमेन लेड डेवलपमेंट की ओर देश: केंद्रीय मंत्री
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि सरकार वीमेन डेवलपमेंट से वीमेन लेड डेवलपमेंट की ओर बढ़ रही है, जहां महिलाएं राष्ट्रीय प्रगति की कहानी में समान भागीदार बनें और नेतृत्व भी करें। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के निर्माण का जो संकल्प लिया है उसी दिशा में सरकार वीमेन डेवलपमेंट से वीमेन लेड डेवलपमेंट की ओर बढ़ रही है। उनके मुताबिक, महिलाओं की सुरक्षा के लिए वन-स्टॉप सेंटर आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं। इसमें चिकित्सा और कानूनी सहायता शामिल है। साथ ही, 24 घंटे टोल-फ्री हेल्पलाइन 181 और 1098 संकट से महिलाओं और बच्चों को तत्काल सहायता प्रदान की जाती है।

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