UPSC की तैयारी करने वाले क्यों पसंद करते हैं दाल, भात और चोखा?
UPSC Coaching: यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली आए तीन स्टूडेंट्स की मौत के बाद यूपीएससी उम्मीदवार काफी चर्चा में है. इस हादसे के बाद दिल्ली से लेकर देश भर में यूपीएससी अभ्यर्थियों की चर्चा हो रही है.
यूं तो यूपीएससी की तैयारी के लिए देश के अलग अलग शहरों में कोचिंग सेंटर खुले हैं, लेकिन इलाहाबाद यानि प्रयागराज को काफी पहले से आईएएस, आईपीएस का गढ़ कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि तब के इलाहाबाद और अब के प्रयागराज से हर साल काफी संख्या में आईएएस, आईपीएस समेत तमाम सरकारी नौकरियों में लोग सेलेक्ट होते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां के बच्चों में दाल, भात चोखा का बहुत क्रेज है. प्रयागराज में मिले एक स्टूडेंट ने मुस्कुराते हुए कहा कि ‘दाल भात चोखा में है बहुत दम, रोज खाते हैं हम.’ जिसके बाद इसके बारे में जानने की दिलचस्पी और बढ़ गई.
दाल, भात और चोखा का गणित समझिए
जब आप प्रयागराज कर्नलगंज, कटरा, मंफोर्डगंज, दारागंज,छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, सलोरी और गोविंदपुरी समेत यहां की तंग गलियों में घूमेंगे, तो आपको यहां छोटे छोटे कमरों में रहकर सरकारी नौकरियों का सपना देखने वाले युवाओं से मुलाकात हो जाएगी. जब कमरे में घुसेंगे तब पता चलेगा कि बड़े सपनों को साकार करने के लिए कितने सपनों को दमन करना पड़ता है. एक छोटे से कमरे में आपको बेड के अलावा किचन की व्यवस्था भी मिल जाएगी. किचन ऐसा कि एक मेज पर चूल्हा, बर्तन और नीचे गैस का सिलेंडर. मम्फोर्डगंज के मनोज तिवारी कहते हैं-‘ भइया यहां बहुत ताम झाम नहीं रखते, किसी तरह दाल भात के साथ चोखा मिल जाए, यही बहुत है. दाल भात चोखा ही क्यों? के सवाल के बाद अब दाल भात चोखा का गुणा गणित समझेंगे, तो आपको भी ताज्जुब होगा. मनोज समझाते हैं कि भैया, दाल-भात चोखा हमारे लिए सबसे आसान है. चावल अलग बन जाता है और दाल में आलू डाल देते हैं. दाल के साथ आलू पक जाता है. निकालकर चोखा बना लेते हैं. इससे टाइम बच जाता है और भोजन भी हो जाता है, क्योंकि यहां खाने के लिए नहीं हैं, पढ़ने के लिए हैं, इसलिए उस पर फोकस करना है. इतना ही नहीं, कई स्टूडेंट्स ने तो ऐसे बर्तन रखे हैं, जिसमें दाल भात एक बार में ही बन जाता है. उसी में आलू भी उबल जाता है. बस ऐसे हो जाता है दाल भात चोखे का इंतजाम.