पलामू में आरक्षण वर्गीकरण के खिलाफ बंद का व्यापक असर, मुख्यमंत्री का दौरा स्थगित

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पलामू में आरक्षण वर्गीकरण के खिलाफ बंद का व्यापक असर, मुख्यमंत्री का दौरा स्थगित

पलामू प्रमंडल में अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ विभिन्न संगठनों के आह्वान पर किए गए बंद का व्यापक असर देखा गया। इस बंद के कारण आम जनजीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा, जिससे स्थानीय लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बंद के चलते नेशनल और स्टेट हाईवे पर वाहन परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया, जिससे यात्रा में बाधा आई और यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर एम्बुलेंस की आवाजाही भी प्रभावित हुई, जिससे चिकित्सा सेवाओं पर भी असर पड़ा।बंद को सफल बनाने के लिए आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में बड़ी संख्या में विभिन्न संगठन के लोग सड़क पर उतरे। कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सहित कई राजनीतिक दलों ने इस बंद का समर्थन किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सानू सिद्दीकी और सन्नी शुक्ला ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ यह आंदोलन, देश में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग को विभिन्न जातियों में बांटने की साजिश का विरोध है। बंद के कारण पलामू के मुख्य शहर डाल्टनगंज सहित रांची और पलामू से बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जाने वाली यात्री बसों का परिचालन भी पूरी तरह से ठप हो गया। बाजारों पर भी इसका असर पड़ा, कई इलाकों में बाजार पूरी तरह से बंद रहे। ग्रामीण इलाकों में भी बंद का प्रभाव दिखा, जिससे ग्रामीण लोग शहरी क्षेत्र से कट गए।बंद के चलते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पलामू दौरा भी स्थगित करना पड़ा। आरक्षण बचाव संघर्ष समिति के संदीप पासवान ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ यह आंदोलन जारी रहेगा और कॉलेजियम सिस्टम को भी खत्म करने की मांग की। पलामू प्रमंडल में बंद का असर देर शाम तक बना रहा।

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