बच्चे उत्पाद न होकर जीते – जागते मनुष्य है और मनुष्य का निर्माण स्नेह, समर्पण, संयम, धैर्य एवं संवेदनाओं से ही है संभव: अविनाश देव
बच्चे उत्पाद न होकर जीते – जागते मनुष्य है और मनुष्य का निर्माण स्नेह, समर्पण, संयम, धैर्य एवं संवेदनाओं से ही है संभव: अविनाश देव
चाचा नेहरू के जन्मोत्सव पर संत मरियम विद्यालय में मनाया गया बाल दिवस
मेदिनीनगर: स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मोत्सव पर संत मरियम आवासीय विद्यालय में बाल दिवस बड़े हीं धूमधाम से मनाया गया। विद्यालय के चेयरमैन अविनाश देव, प्रधानाचार्य कुमार आदर्श व अन्य शिक्षकों ने जवाहरलाल नेहरू जी के चित्र के सम्मुख माल्यार्पण किया, तत्पश्चात बच्चों के द्वारा केक काटा गया। इस मौके पर विद्यालय में विभिन्न खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमे अव्वल आने वाले विद्यार्थी को विद्यालय प्रबंधन के द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। उक्त मौके पर विद्यालय के चेयरमैन श्री अविनाश देव ने चाचा नेहरू जी के जीवनी को वर्णन करते हुए कहा कि भारत में, बच्चों के कल्याण के प्रति नेहरू की प्रतिबद्धता का सम्मान करने के लिए 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन शिक्षा, पोषण और सुरक्षात्मक वातावरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए सुरक्षित, स्वस्थ बचपन सुनिश्चित करने की आवश्यकता की याद दिलाता है। आगे उन्होंने कहा कि बदलते वक्त अत्यंत प्रतिस्पर्धा के दौर में अभिभावक बच्चों से अधिक से अधिक अंक प्राप्त करने का अपेक्षा करते हैं जिस कारण उनके भीतर असीम उतावलापन से उनका बचपन गुम होता हुआ दिखाई दे रहा है, इसलिए समाज को समझना होगा कि बच्चे उत्पाद न होकर जीते जागते मनुष्य है और मनुष्य का निर्माण स्नेह, समर्पण, त्याग, संयम सहयोग, एवं संवेदनाओं से ही संभव है। याद रहे कि मनुष्य का मनुष्य हो जाना ही उसकी चरम उपलब्धि है। इसलिए अपनी संततियों को अंकों की अंतहीन दौड़ में झोंकने के बजाय उनके समग्र, संतुलित व्यक्तिल के विकास पर ध्यान देना चाहिए। आगे इन्होंने कहा कि जीवन बहुरंगी एवं बहुपक्षी है, और हर रंग एवं पक्ष का अपना सौदर्य महत्व और आनंद है। अतः हर रंग और पक्ष को हृदय से स्वीकार करने में ही जीवन की सार्थकता है। मौके पर छात्रावास अधीक्षक उत्कर्ष देव, समन्वयक रिजवाना परवीन, रोशन राज, साथ ही समस्त शिक्षक, कर्मचारि व बच्चे मौजूद थे।