‘ढाई साल से ये सब चल रहा था, आप सो गए या अंधे हो गए थे?’, राजकोट अग्निकांड पर HC में नगरनिगम को फटकार
राजकोट अग्निकांड मामलें में गुजरात हाइकोर्ट ने सरकार और स्थानीय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है. स्पेशल जज बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की पीठ राजकोट गेमिंग जोन में लगी आग मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है.
रविवार को इस मामले को हाइकोर्ट ने खुद ही संज्ञान में लिय़ा था और राज्य सरकार तथा सभी नगर निगमों को तलब किया था.
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए और कहा कि अब हमें स्थानीय व्यवस्था और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है.
कोर्ट ने कहा- आप अंधे हो गए थे?
हाईकोर्ट ने नगर निगम को फटकार लगाते हुए पूछा, ‘लोग मशीनरी के ट्रिगर से मर रहे हैं. ढाई साल से यह सब चल रहा था तो क्या सो गये थे ? या आप अंधे हो गये थे.’ कुछ बड़े अफ़सर गेमिंग जोन में खेलने गये थे उसकी तस्वीरें वायरल हुई इस संबंध में कोर्ट ने पूछा, जो अधिकारी वहां खेलने गए थे वो क्या कर रहे थे.? दुर्घटना के बाद पेनिक बटन दबाने का क्या मतलब, अब सरकार ने सभी गेमिंग जोन बद करवाए हैं.’
कोर्ट ने सवाल किया कि हमारे चार साल के आदेश के बाद भी अगर फायर सेफ़्टी मामले में कोई कदम नहीं लिये गये तो राजकोट नगर निगम (आरएमसी) को क्यों नहीं जिम्मेदार माना जाए.? बता दें कि स्पेशल जज बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की पीठ राजकोट गेमिंग जोन में लगी आग मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई रही है.
इस बीच राजकोट बार एसोसिएशन ने बड़ा फैसला लिया है. बार एसोसिएशन राजकोट गेमिंग जॉन में गिरफ्तार हुए आरोपियों का केस नहीं लड़ेगी.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
राजकोट के गेमिंग जोन में लगी आग मामले पर गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, सरकार को बड़े अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए. उन्होंने FIR में बड़े अधिकारियों के नाम शामिल नहीं किए जाने पर सवाल उठाए. शक्तिसिंह ने मांग करते हुए कहा कि जिन्होंने अपने परिजन खोए हैं उनके परिवार के सदस्य को आर्थिक मदद दी जाए.
27 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि राजकोट के टीआरपी गेम जोन में शनिवार को भीषण आग लग गई थी जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई. कहा जा रहा है कि जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा था. जिसकी वजह से आग इतनी फैली कि पूरा स्ट्रक्चर जलकर खाक हो गया. गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था. गेम जोन में एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग हादसे के वक्त गेम जोन में मौजूद थे. इस मामले में राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय SIT गठित की थी.
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