Exam News: NEET भी कर दो रद्द, UGC-NET कैंसिल होने पर भड़का विपक्ष, सरकार को खूब सुनाया

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NEET परीक्षा का मामला थमा नहीं था कि बुधवार को UGC NET पेपर रद्द करने का ऐलान सरकार ने कर दिया। इसकी वजह परीक्षा में गड़बड़ी बताई गई। अब शिक्षा मंत्रालय के इस फैसले पर विपक्ष जमकर हमलावर हो गया है।

एक और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने NEET भी रद्द करने की मांग की है। वहीं, आम आदमी पार्टी यानी AAP का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी देश के भविष्य को नुकसान पहुंचा रही है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आप परीक्षाओं पर तो खूब चर्चा करते हैं, लेकिन ‘नीट परीक्षा पे चर्चा’ कब करेंगे। यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होना लाखों छात्रों के जुनून की जीत है।’ उन्होंने कहा, ‘यह मोदी सरकार के अहंकार की हार है, जिसके कारण उन्होंने हमारे युवाओं के भविष्य को कुचलने का निंदनीय प्रयास किया।’

खरगे ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री (धर्मेंद्र प्रधान) पहले कहते हैं कि नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ, लेकिन जब बिहार, गुजरात और हरियाणा में शिक्षा माफिया की गिरफ्तारी हुई, तो मंत्री ने ‘स्वीकार किया कि कुछ घोटाला हुआ है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया, ‘नीट परीक्षा कब रद्द होगी?’ खरगे ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी, अपनी सरकार की धांधली और नीट परीक्षा में पेपर लीक को रोकने की जिम्मेदारी लीजिए।’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘भाजपा सरकार का लीकतंत्र व लचरतंत्र युवाओं के लिए घातक है। नीट परीक्षा में हुए घपले की खबरों के बाद अब 18 जून को हुई नेट की परीक्षा भी गड़बड़ियों की आशंका के चलते रद्द की गई। क्या अब जवाबदेही तय होगी? क्या शिक्षा मंत्री इस लचरतंत्र की जिम्मेदारी लेंगे?’

इधर आप ने कहा, ‘अयोग्य भाजपा सरकार में एक भी पेपर बगैर धांधली या लीक के नहीं हुआ। यह सरकार देश के भविष्य को काफी नुकसान पहुंचा रही है। देश के करोड़ों छात्र हर रोज निराशा के अंधेरे में डूब रहे हैं।’

क्यों रद्द हुई नेट परीक्षा
शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का बुधवार को आदेश दिया और मामले को गहन जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपा गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूजीसी-नेट परीक्षा इसलिए रद्द की गई कि ऐसी जानकारी मिली थी कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है। मंत्रालय का यह फैसला, मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) में कथित अनियमितताओं को लेकर उपजे बड़े विवाद के बीच आया है और यह मुद्दा अब उच्चतम न्यायालय में है।

परंपरा से हटकर, इस बार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) एक ही दिन (18 जून) में ‘पेन और पेपर मोड’ में आयोजित की गई, जिसमें 11 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिर से यह परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए नई तिथि की घोषणा की जाएगी। यूजीसी-नेट परीक्षा के माध्यम से भारतीयों को जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और देश के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित की जाती है।

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