हमास के इन दो बड़े कमांडरों को IDF ने मार गिराया, इजरायली हमले से दहला गाजा
गाजा में इजरायली सेना का कोहराम जारी है. इजयराली डिफेंस फोर्स और इजरायली एयर फोर्स ने संयुक्त अभियान में हमास के दो बड़े कमांडरों को मार गिराया. इन दोनों कमांडरों के नाम अब्दुल्ला खतीब और हेटम अबू अलजीदियन है.
दोनों कमांडरों ने 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए बर्बर हमले में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. इन दोनों पर सैकड़ों इजरायलियों के कत्ल का इल्जाम था.
आईडीएफ के मुताबिक, शनिवार को डेयर अल-बलाह में मानवीय क्षेत्र के अंदर स्थित हमास के कमांड सेंटर पर एयर फोर्स ने जबरदस्त हमला किया है. इसमें डेयर अल-बलाह बटालियन के वर्तमान कमांडर अब्दुल्ला खतीब और पूर्व कमांडर हेटम अबू अलजीदियन को मार गिराया गया. इस हमले से पहले आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के जोखिम को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए.इसके साथ ही कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजरायली सेना का सबसे घातक ऑपरेशन दूसरे हफ्ते भी भारी जारी है. आईडीएफ जेनिन शहर के बाद अब तुल्कर्म में जमीन से लेकर आसमन तक से हमला कर रही है. इजरायली फैज ने वेस्ट बैंक के तुल्कर्म शहर में कई फिलिस्तीनियों के घर गिरा दिए. इसके साथ ही गलियों में टैंक दौड़ते नजर आए. इन हमलों में कम से कम 6 लोग मारे गए हैं.
इजरायली सेना का कहना है कि वेस्ट बैंक के फिलिस्तीनी बस्तियों में कई हमास के लड़ाके छिपे हुए हैं. इसके साथ यहां हमास के मददगार भी रह रहे हैं, जिनके खिलाफ ये कार्रवाई की जा रही है. वहीं यहां रहने वाले फिलिस्तीनियों का कहना है कि उनके बस्तियों में कोई हमास का लड़ाका नहीं है. सभी आम लोग हैं. इजरायली सैनिक बेवजह उन लोगों को निशाना बना रहे हैं.
उधर, जंग से जूझ रहे इजरायल के लोग अपना गुस्सा कुछ इस तरह से निकाल रहे हैं. तेल अवीव के ‘रेज रूम’ में वो एक के बाद एक कई कीमती चीजों को कुछ इस अंदाज में तोड़ते हैं. इन चीजों को तोड़ कर अपना तनाव कम करते हैं. लोहे के रॉड से वो सिरेमिक प्लेट, कीबोर्ड और प्रिंटर जैसी चीजों पर अपना गुस्सा निकालते हैं. यहां ज्यादातर लोग 7 अक्टूबर की घटना से आक्रोशित हैं.
उस वक्त हमास के आतंकियों ने इजरायल में हमला बोलकर सैकड़ों इजरायली और विदेशी नागरिकों को बंधक बना लिया था. कई लोगों की हत्या कर दी थी. करीब 11 महीने बाद भी बंधकों को छुड़ाया नहीं जा सका है. इसके जवाब में इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है. इस युद्ध से इजरायल के लोग भी दुखी हैं. इस रेज रूम की शुरूआत पहले मौज-मस्ती और तनाव मुक्ति के लिए हुई थी.
7 अक्टूबर की घटना के बाद से ही यहां पहुंचने वाले लोगों की संख्या में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. लोगों का मानना है कि रेज रूम में गुस्सा निकालने के बाद उन्हें काफी हद तक तनाव और गुस्से से राहत मिली है. करीब 80 डॉलर खर्च का बेसिक पैक लेकर लोग यहां अपना गुस्सा और नाराजगी दूर कर सकते हैं. जंग की स्थिति देखकर उनका मानना है कि रेज रूम की मांग लंबे समय तक रह सकती है.