केदारनाथ यात्रा रोकी गई, 3300 श्रद्धालुओं का रेस्क्यू… उत्तराखंड में अब तक 14 लोगों की मौत
दिल्ली-एनसीआर के अलावा पहाड़ों पर भी बारिश ने कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उत्तराखंड में गुरुवार को भारी बारिश की वजह से अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें एक ही परिवार के तीन लोग भी शामिल हैं.
लगातार हो रही बारिश की वजह से इस पहाड़ी राज्य के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
केदारनाथ यात्रा मार्ग से 3300 श्रद्धालुओं का रेस्क्यू
वहीं सामने आया है कि, केदारनाथ यात्रा मार्ग से 3300 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है. इनमें से 700 श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है. इसके साथ ही करीब 5000 फूड पैकेट्स वितरित किए गए. पीएमओ ने भी मदद भेजी है. रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक, एमआई 17 रवाना किए गए है. तीन टैंकर ATF की मदद भी भेजी गए है.
कई नदियां उफान पर
अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि रात भर हुई भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में बाढ़ आ गई और कई नदियां उफान पर आ गईं, जिससे चौदह लोगों की मौत हो गई और 10 से अधिक लोग घायल हो गए. केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, अधिकारियों ने कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण तीर्थयात्रा को फिलहाल निलंबित करने का फैसला किया है. अधिकारियों ने कहा कि घोड़ापड़ाव, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में पत्थरों के कारण ट्रेक मार्ग अवरुद्ध है.
भीमबली में बहा सड़क का हिस्सा
यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, नैनीताल के हलद्वानी में एक बच्चा बाढ़ वाले नाले में बह गया. इसमें कहा गया कि उसकी तलाश की जा रही है. बुधवार रात भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ ट्रेक मार्ग पर भीमबली में सड़क का एक हिस्सा बह गया और पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर आकर सड़क अवरुद्ध हो गई. पुलिस के अनुसार, अब तक लिनचोली और भीमबली से 425 तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टरों से सुरक्षित लाया गया है, जबकि 1,100 तीर्थयात्री बचाव टीमों की मदद से विभिन्न स्थानों से पैदल चलकर सोनप्रयाग पहुंचे हैं.
सहस्त्रधारा में दो लोग बहे
अधिकारियों ने कहा कि बुधवार शाम से बारिश से संबंधित घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई है – देहरादून में चार, हरिद्वार में छह, टिहरी में तीन और चमोली में एक. देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि बुधवार रात रायपुर क्षेत्र में दो लोग नहर में डूब गए. उन्होंने कहा कि शव बरामद कर लिये गये हैं. पीड़ितों की पहचान सुंदर सिंह और अर्जुन सिंह राणा के रूप में की गई. देहरादून में एक अन्य घटना में, गुरुवार को सहस्रधारा पार्किंग के पास एक नदी में स्नान करते समय दो लोग बह गए.
रुड़की में मकान ढहने से चार लोगों की मौत
सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची लेकिन तब तक स्थानीय लोगों ने एक शव बरामद कर लिया था. एसडीआरएफ ने बाद में नदी से दूसरा शव बरामद किया. मृतक दिल्ली के सुल्तानपुरी के रहने वाले थे, जिनकी पहचान इंद्रपाल (40) और भूपेन्द्र सिंह राणा (43) के तौर पर हुई है. हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र के भरपूर गांव में भारी बारिश के कारण एक मकान ढह गया, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए. इनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है.
रुड़की बस अड्डे पर दो लोगों की करंट लगने से मौत
एक अन्य घटना में बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे रुड़की बस अड्डे पर दो लोगों की करंट लगने से मौत हो गई. टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र के जखन्याली गांव में बादल फटने के बाद हुए भूस्खलन में एक ही परिवार के तीन सदस्यों, भानु प्रसाद (50), उनकी पत्नी नीलम देवी (45) और बेटे विपिन (28) की मौत हो गई, जिससे सड़क किनारे स्थित उनका रेस्तरां क्षतिग्रस्त हो गया.
कहां कितनी हुई बारिश?
टिहरी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ब्रिजेश भट्ट ने कहा कि विपिन को बचा लिया गया, लेकिन एम्स ले जाते समय उसकी मौत हो गई. चमोली जिले की गैरसैंण तहसील के कुनखेत गांव में बुधवार को एक मकान पर पहाड़ी से मलबा गिरने से एक महिला की मौत हो गई. नैनीताल जिले के हलद्वानी में एक सात साल का बच्चा बाढ़ वाले नाले में बह गया. पुलिस और एसडीआरएफ उसकी तलाश कर रही है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार से अब तक देहरादून में 172 मिमी, हरिद्वार के रोशनाबाद में 210 मिमी, रायवाला में 163 मिमी, हलद्वानी में 140 मिमी, रुड़की में 112 मिमी, नरेंद्र नगर में 107 मिमी, धनोल्टी में 98 मिमी, चकराता में 92 मिमी और नैनीताल में 89 मिमी बारिश दर्ज की गई.
सीएम ने अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में धामी ने कहा कि राज्य में बुधवार रात हुई भारी बारिश के कारण कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित होने की खबर है और बचाव दल ने रात भर ऑपरेशन चलाया और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है. धामी ने यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर बारिश की स्थिति की समीक्षा की और आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन को जिलाधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया.
मंदाकिनी और अलकनंदा खतरे के निशान के करीब
इस बीच, रुद्रप्रयाग पहुंच चुके केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक सलाह जारी की गई है, जिसमें उन्हें तब तक इंतजार करने के लिए कहा गया है जब तक कि उन्हें मौसम में सुधार और अवरुद्ध और टूटी सड़कों की बहाली के बारे में आधिकारिक तौर पर सूचित नहीं किया जाता है. रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी और अलकनंदा दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं.