‘किसी और की टेंशन बढ़ गई क्योंकि…’ PM मोदी और पुतिन की मुलाकात पर गदगद हुआ चीन, अमेरिका पर यूं कसा तंज

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नई दिल्ली। PM Modi Russia Visit: इस समय पूरे वैश्विक समुदाय का ध्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर खींचा चला जा रहा है। कारण है रूस दौरा। जी हां, जब से पीएम मोदी रूस पहुंचे है, तब से अमेरिका की कड़ी नजर बनी हुई है।

वहीं, अब चीन ने भी पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर बड़ा बयान दे दिया है।

चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स अखबार में पीएम मोदी के रूस दौरे और इससे बढ़ने वाली पश्चिमी देशों की चितांओं पर बयान दिया है। चीन ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की रूस से अच्छी दोस्ती से हमें नहीं बल्कि पश्चिमी देशों को परेशानी हो रही है।

पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा

तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से पीएम मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है। इस दौरान वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले और एक अनौपचारिक बैठक में खुलकर बात भी की। आज यानि मंगलवार को दोनों नेताओं की एक प्रतिनिधिमंडल बैठक होगी।

बारीकी से नजर रख रहा पश्चिमी देश

पुतिन-पीएम मोदी की मुलाकात को लेकर चीन ने कहा कि कुछ पश्चिमी मीडिया इस यात्रा पर बारीकी से और आशंका के साथ नज़र रख रहे हैं। चीन ने कहा कि रूस के चीन के साथ बढ़ते संबंध संभावित रूप से भारत और रूस के संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं।

पश्चिमी देशों की बढ़ रही टेंशन

चीन ने कहा कि मॉस्को के साथ नई दिल्ली के गहरे होते संबंध पश्चिम देशों की बढ़ती चिंताओं को उजागर कर रहा है। चीन के अनुसार, पश्चिमी मीडिया मोदी की रूस की चल रही यात्रा पर कड़ी नजर बनाए हुए है। बता दें कि फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से मोदी की यह पहली रूस यात्रा है। VOA सहित कुछ मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया है कि मोदी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि चीन के साथ रूस के संबंधों का भारत के साथ उसके संबंधों पर असर न पड़े।

किसका डर सता रहा?

चीन ने दावा किया है कि पश्चिम को भारत के रूस के साथ गहरे होते संबंधों की अधिक चिंता है। सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के प्रोफेसर लॉन्ग जिंगचुन ने सोमवार को ग्लोबल टाइम्स से कहा कि चीन रूस-भारत के करीबी संबंधों को खतरे के रूप में नहीं देखता है, जबकि पश्चिमी देश रूस के साथ भारत के संबंधों से असंतुष्ट हैं।

दबाव बनाए जाने के बावजूद, भारत ने….

चीन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने लगातार भारत को पश्चिमी खेमे में खींचने और चीन के प्रभाव को संतुलित करने का प्रयास किया है, लेकिन भारत की प्रतिक्रिया पश्चिम द्वारा की गई राजनीतिक और कूटनीतिक पहल के अनुरूप नहीं रही है, जिससे वे लगातार निराश होते जा रहे हैं। पश्चिमी दबाव के बावजूद, मोदी ने अपना तीसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद विदेश यात्रा के लिए रूस को अपना पहला गंतव्य चुना।

क्यों महत्वपूर्ण है भारत की रूस यात्रा

चीन के अनुसार, पीएम मोदी के इस कदम का उद्देश्य न केवल रूस के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना है, बल्कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ व्यवहार में भारत की ताकत को बढ़ाना भी है। विशेषज्ञ ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश के लिए रूस के साथ स्थिर संबंध बनाए रखना और रक्षा उद्योग सहयोग जारी रखना महत्वपूर्ण है।

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