‘क्या कोलकाता कांड के आरोपी संजय रॉय को जमानत दे दूं?’ इस वजह से CBI वकील से नाराज हुईं जज

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में शहर की एक अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई के जांच अधिकारी की अनुपस्थिति और एजेंसी के वकील के आने में हुई 40 मिनट की देरी पर अदालत ने सवाल उठाया और कहा कि क्या उसे मुख्य आरोपी को ज़मानत दे दें?

अदालत ने एजेंसी को जमकर फटकार लगाई और कहा कि यह उसके “सुस्त रवैये” को दर्शाता है. जैसे ही कार्यवाही शाम 4.20 बजे शुरू हुई, बचाव पक्ष की वकील कविता सरकार ने अपनी दलीलें शुरू कीं. इस दौरान जज ने देखा कि सीबीआई के वकील दीपक पोरिया वहां मौजूद नहीं हैं. इस लेकर जज बहुत नाराज हुईं.

सीबीआई के रवैये से जज नाराज

सीबीआई के जांच अधिकारी की अनुपस्थिति और अभियोक्ता की सुस्ती से नाराज मजिस्ट्रेट ने कहा, “क्या मैं संजय रॉय को जमानत दे दूं? यह सीबीआई की ओर से बेहद सुस्त रवैये को दर्शाता है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.” सीबीआई वकील आखिरकार कोर्ट में 40 मिनट देरी से पहुंचे. सुनवाई के दौरान, अदालत ने मुख्य आरोपी संजय रॉय की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसे 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था.

आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत

अदालत ने आरोपी को 20 सितंबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया. आपको बता दें कि सीबीआई ने 25 अगस्त में प्रेसिडेंसी जेल में संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था. इसके अतिरिक्त, सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं का मामला भी दर्ज किया था. मामले की शुरुआत में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच की गई थी, जिसे कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया था.

जांच को ट्रांसफर करने का हाईकोर्ट का निर्णय आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर आधारित था, जिन्होंने प्रिंसिपल के रूप में घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय कदाचार का आरोप लगाया था.

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