पिछले पांच आम चुनाव नतीजों के बाद कैसा रहा बाजार का प्रदर्शन?
मुंबई, 2 जून । लोकसभा चुनाव 2024 के सात चरणों का मतदान पूरा हो चुका है। परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे। चुनाव और शेयर बाजार का सीधा संबंध होता है। चुनाव परिणाम के दिन बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जाता है।
नई सरकार की नीतियों का असर भी अगले कुछ महीने में बाजार में दिखाई देता है।
इस आर्टिकल में हम पिछले पांच आम चुनावों के आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे।
पिछले पांच आम चुनावों में मतगणना के दिन सेंसेक्स ने तीन बार 1999, 2004 और 2019 में क्रमश: 0.24 प्रतिशत, 11.10 प्रतिशत और 0.76 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया। वहीं, दो बार 2009 और 2014 में क्रमश: 17.70 प्रतिशत और 0.90 प्रतिशत का सकारात्मक रिटर्न दिया था।
नतीजे घोषित होने के एक महीने के बाद सेंसेक्स ने 2009 में 22.20 प्रतिशत, 2014 में 4.59 प्रतिशत और 2019 में 0.99 प्रतिशत का सकारात्मक रिटर्न दिया था। 1999 और 2004 में ही बाजार ने 2.11 प्रतिशत और 10.50 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया था।
आम चुनावों के नतीजे आने के छह महीने बाद बाजार ने पांचों बार सकारात्मक रिटर्न दिया है। सेंसेक्स ने 1999 में 7.56 प्रतिशत, 2004 में 9.82 प्रतिशत, 2009 में 35.05 प्रतिशत, 2014 में 15.71 प्रतिशत, 2019 में 4.27 प्रतिशत का रिटर्न दिया था।
आनंद राठी शेयर्स और ब्रोकर्स की यूएई बिजनेस एंड स्ट्रेटेजी की प्रमुख, तनवी कंचन का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार पर इस चुनाव का कोई खास असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, अगर मौजूदा सरकार मजबूती के साथ आती है तो भारत में राजनीतिक स्थिरता जारी रहेगी। ऐसे में बुल रन जारी रह सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार मजबूती से आती है तो बिजनेस करने में सरलता लागू करना, इन्फ्रास्ट्रक्चर और किसी सेक्टर के लिए विशेष नीति आसानी से ला पाएगी। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और बाजार को बूस्ट मिलेगा।
तनवी ने निवेशकों को सलाह दी कि अगर कोई गिरावट आती है तो उसमें खरीदारी करें।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के रिसर्च हेड, डॉ. जोसेफ थॉमस ने कहा कि अगले हफ्ते चुनाव परिणामों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है और इसके कारण अपट्रेंड जारी रहने की संभावना है। हालांकि, बाजार अभी महंगा है, जिसके कारण मुनाफावसूली देखने को मिली थी।